Modi सरकार करने जा रही है कुछ ऐसा - जिससे बिना एड्रेस डाले ही घर पहुंचेगा Online Shopping का सामान, जानिए कैसे
भारत सरकार का डाक विभाग (Department of Posts, Government of India) एक डिजिटल एड्रेस कोड (Digital Address Code) यानी DAC पर काम कर रहा है। यह कोड देश के हर एक पते के लिए दिया जाएगा जिसके बाद आपके लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना, eKYC कराना और प्रॉपर्टी टैक्स भरना आसान हो जाएगा। आइए इसके बारे में विस्तार में जानते हैं।
भारत सरकार के डाक विभाग ने हाल ही में इस डिजिटल एड्रेस कोड के ड्राफ्ट अप्रोच पेपर को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज किया है। अप्रोच पेपर को अपलोड करने का कारण स्टेकहोल्डर्स से उसपर फीडबैक और सुझाव लेना है। अगर DAC अप्रूव हो जाता है तो आपको ऑनलाइन शॉपिंग और प्रॉपर्टी टैक्स भरने जैसे कामों में आपको अपना पता फीड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डिजिटल एड्रेस कोड क्या है ?
DAC या डिजिटल एड्रेस कोड एक यूनीक एड्रेस आइडेंटिटी है। यह एक आधार जैसा एक यूनीक कोड होगा जो भारत के हर नागरिक को अपने पते के हिसाब से दिया जाएगा। इस कोड को आप टाइप करके या फिर क्यूआर कोड की तरह स्कैन करके सर्विस प्रोवाइडर्स के एप्स पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह बिना एड्रेस फीड किये आपके कई सारे काम इस कोड की मदद से पूरे हो सकेंगे। आपको बता दें कि इस कोड को डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे। और इससे आने वाले समय में ऑनलाइन शॉपिंग बहुत आसान हो जाएगी।
डिजिटल एड्रेस कोड बनाते समय इसके अधिकारी देश के हर पते को अलग-अलग आइडेंटिफाइ करेंगे और अड्रेस के जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स (geospatial coordinates) से लिंक करेंगे जिससे हर किसी के एड्रेस को सड़क या शहर से नहीं बल्कि नंबर्स और अक्षरों वाले एक कोड से हमेशा पहचाना जा सके। आपको बता दें कि यह कोड एक पर्मानेंट कोड होगा।
आपको बता दें कि DAC के ड्राफ्ट अप्रोच पेपर के मुताबिक इससे देशवासियों को कई सारे फायदे हो सकते हैं। टैक्स फाइल करना, ऑनलाइन शॉपिंग की डेलीवेरी, अड्रेस वेरीफिकेशन और eKYC जैसे कई काम बिना एड्रेस लिए एक कोड से हो जाएंगे।