चीन के ऐप्स पर चौथी डिजिटल स्ट्राइक देते हुए मोदी सरकार ने एक बार फिर चीन के 43 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया है।

सरकार ने इन ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत प्रतिबंधित कर दिया है। इससे पहले जून, जुलाई और सितंबर में, सरकार ने चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सरकार ने इस बार चीन में 43 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें 19 एप्स डेटिंग और गेमिंग एप्स सबसे ज्यादा हैं। इस बार सरकार ने स्नैक वीडियो ऐप पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसे माना जाता था कि यह टिकटलॉक के लिए एक प्रतिस्थापन है। स्नैक वीडियो एक सिंगापुर का ऐप है। TikTalk के प्रतिबंध के बाद, केवल 2 महीनों में लगभग 50 मिलियन उपयोगकर्ता बढ़ गए। इस साल की सूची में चीन के सबसे अमीर आदमी जैक मा के अलीबाबा ग्रुप के 4 ऐप भी हैं। सरकार ने इन ऐप पर प्रतिबंध लगाने के तीन कारण बताए हैं। एक, यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। दूसरा, इसकी वजह से भारत की सुरक्षा खतरे में है। तीसरा, यह कानून और व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है।

सरकार ने 2000 में बने आईटी एक्ट की धारा -69 ए के तहत इन ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह खंड कहता है कि अगर सरकार देश की संप्रभुता, सुरक्षा और एकता के हित में महसूस करती है, तो वह किसी भी कंप्यूटर संसाधन को अवरुद्ध करने का आदेश दे सकती है। आम लोग। यह धारा यह भी कहती है कि अगर सरकार के आदेश को स्वीकार नहीं किया जाता है, तो 7 साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ये ऐप भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और एकता के लिए खतरा है। 130 करोड़ भारतीयों की गोपनीयता और डेटा को खतरा है। इन ऐप्स से, उपयोगकर्ता का डेटा चोरी हो जाता है और भारत के बाहर एक सर्वर पर भेजा जाता है।

ये डेटा दुश्मनों तक पहुंच सकता है। ये ऐप कैसे थे ख़तरे: -
सुरक्षा शोधकर्ता अविनाश जैन बताते हैं कि इन ऐप के 4 खतरे:
1. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: ये ऐप डेटा सुरक्षा के लिए हानिरहित हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसके साथ ही इनसे जासूसी का भी खतरा रहता है। चीनी सरकार ऐप के माध्यम से राजनीतिक और सैन्य जानकारी प्राप्त कर सकती है।

2. यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा: ये ऐप कैमरा, माइक्रोफोन और लोकेशन तक पहुंच की मांग करता है और यह संदेह है कि यह डेटा चीन में एजेंसियों के साथ साझा किया गया है।
3. डेटा लीक जोखिम: इन ऐप में सर्वर होते हैं, इसलिए वे उपयोगकर्ता के विवरण, स्थान और व्यक्तिगत डेटा को विज्ञापनदाता को बेच सकते हैं।
4. साइबर अटैक का खतरा: अतीत में, चीनी एप्स में कई जासूसी वेयर पाए गए हैं, जिनके माध्यम से उपयोगकर्ताओं के फोन में ट्रोजन आता है। ट्रोजन एक प्रकार का माल वेयर है जिसमें से आपका सारा डेटा लिया जा सकता है।